'बूंद ही बूंद समानी' वाली उक्ति शायद यहीं स्वयं को प्रमाणित करती है। 'बूंद ही बूंद समानी' वाली उक्ति शायद यहीं स्वयं को प्रमाणित करती है।
बचपन न रहा तब सुखकर जब आया सन् पचहत्तर, क्रूरता की सीमा पार बचपन न रहा तब सुखकर जब आया सन् पचहत्तर, क्रूरता की सीमा पार